पथरी का रामबाण इलाज हैं , आजमाएं ये आयुर्वेदिक उपाय, दर्द से मिलेगी राहत

पित्त की थैली में यदि पथरी हो जाए तो उसे ऑपरेशन के जरिए ही बाहर निकाला जाता है। हालांकि, यदि समय पर ध्यान दिया जाए तो कुछ घरेलू और आयुर्वेदिक उपाय करके प्राकृतिक तरीके से ही पथरी को बाहर निकाला और खत्म किया जा सकता है।
पित्त की थैली में होने वाली पथरी वैसे तो ज्यादातर ऑपरेशन के जरिए ही निकाली जाती है। हालांकि, कुछ आयुर्वेदिक उपायों से बिना ऑपरेशन के ही पथरी निकाली जा सकती है। आपको बता दें कि ज्यादातर पथरी कोलेस्ट्रॉल से बनती है। दरअसल, जब पित्ताशय में कोलेस्ट्रॉल का जमाव हो जाता, तब ये धीरे-धीरे कठोर होकर पत्थर को रूप ले लेती है।
ऐसे में पत्थर को पित्त की थैली से बाहर निकालने के लिए ऑपरेशन कराना पड़ता है लेकिन बिना ऑपरेशन के पथरी को निकालने के लिए कुछ आयुर्वेदिक उपाय किए जा सकते हैं, जो इस प्रकार है-
पित्त की थैली के लिए आयुर्वेदिक टिप्स
रस का सेवन
कुछ मौसमी फलों और सब्जियों के रस के सेवन से पथरी को प्राकृतिक तरीके से शरीर से बाहर निकाला जा सकता है। इसके लिए चुकंदर का रस, नाशपाती का रस, ककड़ी का रस, संतरे का जूस और टमाटर का जूस बहुत फायदेमंद होता है। दरअसल, इन फलों में उपस्थित विटामिन सी कोलेस्ट्रॉल को पित्त अम्ल में बदल देता है, जो पथरी को तोड़ने और बाहर निकालने में कारगर होता है।
गाजर का जूस
पित्त की थैली को बाहर निकालने के लिए गाजर के जूस का सेवन भी काफी फायदेमंद होता है। इसके लिए दिन में दो बार गाजर का जूस पिएं। गाजर का जूस यदि ककड़ी के रस के साथ मिलाकर पिया जाए, तो इससे जम चुका कोलेस्ट्राल नर्म होकर बाहर निकल जाता है।
हल्दी
हल्दी सेहत के लिए कई तरह से फायदेमंद होती है। हल्दी में एंटी बैक्टीरियल गुण होने के साथ-साथ इसमें एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण भी होते हैं, जो बॉडी को हाइड्रेट भी करती है। रोज पानी के साथ एक चम्मच हल्दी के सेवन से पथरी का अधिकांश भाग खत्म हो जाता है।
सेब का सिरका
सेब का सिरका पथरी को बनने से रोकने के लिए काफी फायदेमंद होता है। सेब का सिरका कोलेस्ट्रॉल को बनने से रोकता है, जिससे शरीर में पथरी नहीं बन पाती। ये पथरी से होने वाले दर्द से भी निजात दिलाने में कारगर होता है।
पित्त की थैली से पथरी की समस्या को खत्म करने के लिए ये सभी आयुर्वेदिक और घरेलू उपाय काफी फायदेमंद होते हैं, हालांकि एक बार डॉक्टर से परामर्श करना बहुत जरूरी होता है।